गुरुवार 23 दिसंबर 2021 - 08:06
हज़रत फ़ातिमा ज़हरा (स.अ.) के महान बलिदानों का उल्लेख अय्यामे अज़ा ए फातिम्या की मजलिसो में किया जाना चाहिए, सैयदा ज़हरा नकवी

हौज़ा / अगर हम जनाबे सैयदा (स.अ.) के जीवन का ध्यानपूर्वक अध्ययन करते हैं, तो बीबी दो आलम ने अपने चाहने वालो को अपनी करनी और कथनी के माध्यम से हर युग मे सबसे महत्वपूर्ण कार्य अर्थात विलायत का पालन करने और विलायत की रक्षा करने के लिए आमंत्रित कर रही है।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, लाहौर / पैगंबरे अकरम (स.अ.व.व.) की बेटी की शहादत के दिनों की शुरुआत के अवसर पर, एमडब्लूयएम की महिला केंद्रीय महासचिव और सदस्य पंजाब विधानसभा सुश्री सैयदा ज़हरा नकवी ने अपने संदेश में कहा है कि अय्यामे अज़ा ए फातिमया को विलायत की रक्षा के दिनो से व्याख्या की जाती है। इन शोक समारोहों के माध्यम से जनाबे सैयदा (स.अ.) के उज्ज्वल चरित्र और पैटर्न को उजागर किया जाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि अगर हम जनाबे सैयदा (स.अ.) के जीवन का ध्यानपूर्वक अध्ययन करें, तो बीबी दो आलम ने अपने चाहने वालो को अपनी करनी और कथनी के माध्यम से हर युग मे सबसे महत्वपूर्ण कार्य अर्थात विलायत का पालन करने और विलायत की रक्षा करने के लिए आमंत्रित कर रही है।

उन्होंने कहा कि ज़हरा मरज़िया (स.अ.) न केवल महिलाओं के लिए एक मॉडल है, बल्कि पूरी मानवता के लिए एक पवित्र रोल मॉडल भी है।

उन्होंने आगे कहा कि वर्तमान समय में हर जुल्म के खिलाफ सच्चाई की बात उठाने का साहस और इस्लाम धर्म की रक्षा करने का साहस हमें सैयदा ताहिरा के महान व्यक्तित्व से मिलता है।

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